चीफ ब्यूरो : सर्वेश कुमार (लालकुआं)
उत्तराखण्ड की भाजपा सरकार में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखनें वाले पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज में कोरोना की पुष्टि के बाद उत्तराखंड की राजनीति में सियासत तेज हुई सियासत थमनें का नाम नहीं ले रही है ।एक ओर जहां, कांग्रेस कोरोना को लेकर लापरवाही बरतने के आरोप में सतपाल महाराज पर कार्रवाई की लगातार मांग कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर एक जिम्मेदार पद पर रहते हुए श्री महाराज पर घोर लापरवाही के आरोप लग रहे हेै।
✍️आरोप हेै, कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने क्वॉरंटाइन के नियम का उल्लंघन किया। उनके घर पर क्वॉरंटाइन का नोटिस चस्पा होने के बावजूद वे कैबिनेट की बैठक में शामिल हुए। जो गैर जिम्मेदारी की पराकाष्ठा है। सरकार पर भी दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाया जा रहा है। काग्रेंस के कुछ नेताओं का कहना है,कि सतपाल महाराज के मामले में सरकार को वही कार्रवाई करनी चाहिए जो आम लोगों के साथ की जा रही है।लेकिन ऐसा नहीं हुआ
✍️गौरतलब है, कि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज उनकी पत्नी अमृता रावत, दो बेटे, दो बहुएं और एक पौत्र की निजी अस्पताल की लैब में कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद 30 मई को भर्ती किया गया था।
✍️भर्ती के ठीक दो दिन बाद ही एक जून को एम्स प्रशासन ने पर्यटन मंत्री और उनकी पत्नी को छोड़कर बाकि को ए-सिम्टेमेटिक बताकर घर भेज दिया था। लेकिन इस बीच नियमों की अनदेखी का मामला उठा तो उन्हें आनन फानन मे वापस बुला लिया गया था। सवाल यह रहा जब काबिना मंत्री ही कोरोना काल की धज्जियां उड़ाए नियमों के पालन की उम्मीद किससे की जाए। एक जिम्मेंदार मन्त्री होते हुए महाराज के प्रति चिंता का भवरजाल यहीं खत्म नहीं होता है। बल्कि आवास पर कार्यरत अन्य स्टाफ के भी पॉजिटिव होनें से यह चिन्ता बढ़ जाती है। सतपाल महाराज के लापरवाही के नतीजें की जड़े कहां तक है। साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता है। जिस तरह से शुरु में उन्होंने लापरवाही बरती उस लापरवाही का नतीजा कहां तक गया है यह शोध व जांच का विषय है।
✍️सतपाल महाराज और बाकी लोगों के संपर्क में आए लोगों की पहचान और तेजी से सुनिश्चित करनें की आवश्यकता है। ताकि संक्रमण के फैलने को रोका जा सकें। हालांकि इससे पहले मंत्री सतपाल महाराज कैबिनेट की बैठक में भी हिस्सा लिये थे। जिसके बाद सीएम समेत सभी मंत्रीगण होम क्वारंटीन में चले गए है।
✍️बताया जाता है, कि उनके अनेकों आश्रम है। जहाँ लोगों का जमवाड़ा रहता है। सूत्र बताते हेै,2/ 12 पजाबीं बाग में बहुत लोग है। जिनकी जांच नितांत आवश्यक है। राजेश्वरी नर्सरी जोगीवाला में भी कुछ लोग है। उनकी क्या स्थिति है, यह जानना भी आवश्यक है। दर्जन भर से ज्यादा लोग गुरु गोविन्द हास्पिटल खायला गाँव तिलक नगर नई दिल्ली में किस कारण एडमिट है। सूत्रों के मुताबिक यह भी एक गोपनीय पहेली है। बारहाल महाराज के सम्पर्क में निरंतर कितने लोग रहे हैं इस विषय को गहराई से देखने की आवश्यकता है। बताया जाता है, कि उनके फार्म हाउस के नौकर जो दिन रात उनके परिवार के सम्पर्क में रहते थे उनकी जाचं हुई या नहीं इस ओर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। सतपाल महाराज के नेहरू ग्राम के ऊपरी फ़्लोर में भी काफ़ी सेवक काम करने वाले बताये जाते है। क्या उनकी कोरोना जाँच हुई है। या बिना करोंना जाँच के गोपनीय तरीक़े से वे डेरा जमाए हुए हैं। यह भी जाचं का विषय है। कुल मिलाकर उत्तराखण्ड के कैबनेट मंत्री सतपाल महाराज को लेकर राज्य में चर्चाओं के दौर आम है। क्वारन्टीन उल्लघंन के मामले में बुरी तरह से घिर चुके महाराज को लेकर सरकार बचाव पक्ष में खड़ी है। विपक्ष ने अरोपों की झड़ी लगा रक्खी है। उच्च न्यायालय ने भी एक याचिका पर क्वारन्टीन उल्लंघन मामले में नोटिस जारी कर सरकार व महाराज से जवाब मांगा है।
उत्तराखण्ड की भाजपा सरकार में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखनें वाले पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज में कोरोना की पुष्टि के बाद उत्तराखंड की राजनीति में सियासत तेज हुई सियासत थमनें का नाम नहीं ले रही है ।एक ओर जहां, कांग्रेस कोरोना को लेकर लापरवाही बरतने के आरोप में सतपाल महाराज पर कार्रवाई की लगातार मांग कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर एक जिम्मेदार पद पर रहते हुए श्री महाराज पर घोर लापरवाही के आरोप लग रहे हेै।
✍️आरोप हेै, कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने क्वॉरंटाइन के नियम का उल्लंघन किया। उनके घर पर क्वॉरंटाइन का नोटिस चस्पा होने के बावजूद वे कैबिनेट की बैठक में शामिल हुए। जो गैर जिम्मेदारी की पराकाष्ठा है। सरकार पर भी दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाया जा रहा है। काग्रेंस के कुछ नेताओं का कहना है,कि सतपाल महाराज के मामले में सरकार को वही कार्रवाई करनी चाहिए जो आम लोगों के साथ की जा रही है।लेकिन ऐसा नहीं हुआ
✍️गौरतलब है, कि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज उनकी पत्नी अमृता रावत, दो बेटे, दो बहुएं और एक पौत्र की निजी अस्पताल की लैब में कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद 30 मई को भर्ती किया गया था।
✍️भर्ती के ठीक दो दिन बाद ही एक जून को एम्स प्रशासन ने पर्यटन मंत्री और उनकी पत्नी को छोड़कर बाकि को ए-सिम्टेमेटिक बताकर घर भेज दिया था। लेकिन इस बीच नियमों की अनदेखी का मामला उठा तो उन्हें आनन फानन मे वापस बुला लिया गया था। सवाल यह रहा जब काबिना मंत्री ही कोरोना काल की धज्जियां उड़ाए नियमों के पालन की उम्मीद किससे की जाए। एक जिम्मेंदार मन्त्री होते हुए महाराज के प्रति चिंता का भवरजाल यहीं खत्म नहीं होता है। बल्कि आवास पर कार्यरत अन्य स्टाफ के भी पॉजिटिव होनें से यह चिन्ता बढ़ जाती है। सतपाल महाराज के लापरवाही के नतीजें की जड़े कहां तक है। साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता है। जिस तरह से शुरु में उन्होंने लापरवाही बरती उस लापरवाही का नतीजा कहां तक गया है यह शोध व जांच का विषय है।
✍️सतपाल महाराज और बाकी लोगों के संपर्क में आए लोगों की पहचान और तेजी से सुनिश्चित करनें की आवश्यकता है। ताकि संक्रमण के फैलने को रोका जा सकें। हालांकि इससे पहले मंत्री सतपाल महाराज कैबिनेट की बैठक में भी हिस्सा लिये थे। जिसके बाद सीएम समेत सभी मंत्रीगण होम क्वारंटीन में चले गए है।
✍️बताया जाता है, कि उनके अनेकों आश्रम है। जहाँ लोगों का जमवाड़ा रहता है। सूत्र बताते हेै,2/ 12 पजाबीं बाग में बहुत लोग है। जिनकी जांच नितांत आवश्यक है। राजेश्वरी नर्सरी जोगीवाला में भी कुछ लोग है। उनकी क्या स्थिति है, यह जानना भी आवश्यक है। दर्जन भर से ज्यादा लोग गुरु गोविन्द हास्पिटल खायला गाँव तिलक नगर नई दिल्ली में किस कारण एडमिट है। सूत्रों के मुताबिक यह भी एक गोपनीय पहेली है। बारहाल महाराज के सम्पर्क में निरंतर कितने लोग रहे हैं इस विषय को गहराई से देखने की आवश्यकता है। बताया जाता है, कि उनके फार्म हाउस के नौकर जो दिन रात उनके परिवार के सम्पर्क में रहते थे उनकी जाचं हुई या नहीं इस ओर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। सतपाल महाराज के नेहरू ग्राम के ऊपरी फ़्लोर में भी काफ़ी सेवक काम करने वाले बताये जाते है। क्या उनकी कोरोना जाँच हुई है। या बिना करोंना जाँच के गोपनीय तरीक़े से वे डेरा जमाए हुए हैं। यह भी जाचं का विषय है। कुल मिलाकर उत्तराखण्ड के कैबनेट मंत्री सतपाल महाराज को लेकर राज्य में चर्चाओं के दौर आम है। क्वारन्टीन उल्लघंन के मामले में बुरी तरह से घिर चुके महाराज को लेकर सरकार बचाव पक्ष में खड़ी है। विपक्ष ने अरोपों की झड़ी लगा रक्खी है। उच्च न्यायालय ने भी एक याचिका पर क्वारन्टीन उल्लंघन मामले में नोटिस जारी कर सरकार व महाराज से जवाब मांगा है।

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