उत्तराखंड: कई इलाकों में हुई बारिश, बदरीनाथ-यमुनोत्री हाईवे घंटों रहा बंद

अभिव्यक्ति न्यूज़ : उत्तराखंड
> उत्तराखंड: दो दिन की देरी से पहुंचा मानसून, अगले 48 घंटों में कई जगह भारी बारिश होने का अनुमान
> भूस्खलन से यमुनोत्री हाईवे रहा घंटों बंद
> गौरीकुंड हाईवे पर बांसवाड़ा में दिनभर गिरते रहे पत्थर
> दो घंटे बंद रही कैलाश मानसरोवर सड़क
> खतरे के निशान से एक मीटर नीचे बह रही काली   

मंगलवार को उत्तराखंड में मानसून के दस्तक देने के बाद आज बुधवार को भी अधिकतर इलाकों में मौसम खराब बना रहा। राजधानी देहरादून सहित ज्यादातर क्षेत्रों में बादल छाए रहे तो कहीं-कहीं रात से रुक-रुक कर बारिश होती रही। सुबह करीब दस बजे देहरादून में भी रिमझिम बरसात शुरू हो गई। मसूरी में बारिश से तापमान में खासी गिरावट दर्ज की गई है। बागेश्वर, काशीपुर, रामनगर, पिथौरागढ़, लोहाघाट, अल्मोड़ा में तड़के से रुक-रुक कर बारिश हो रही है।  वहीं, लामबगड़ में बदरीनाथ हाईवे नौ घंटे बंद रहा। मंगलवार रात 12 बजे के करीब बारिश के चलते पहाड़ी से मलबा हाईवे पर आ गया था। काफी मशक्कत के बाद सुबह लगभग नौ बजे हाईवे पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो सकी। इस साल अभी तक बदरीनाथ यात्रा शुरू नहीं हो सकी है। ऐसे में बहुत दिक्कत नहीं हुई। लेकिन सामरिक नजरिये से बदरीनाथ नेशनल हाईवे बहुत महत्वपूर्ण है। इसी रास्ते से सेना और आईटीबीपी के वाहन माणा तक पहुंचते हैं। अभी केवल मानसून की दस्तक है। अभी से मलबा पहाड़ी से हाईवे पर पहुंच रहा है। भारी बारिश अगर हुई तो हालात क्या होंगे, यह समझना मुश्किल नहीं। ऑलवेदर रोड परियोजना के कार्य के चलते भी मुश्किल काफी बढ़ी हुई है। इस कार्य की वजह से इसी सप्ताह बदरीनाथ हाईवे मलबे के कारण करीब 11 घंटे बंद रह चुका है। एसडीएम अनिल चन्याल का कहना है कि लामबगड़ स्लाइड जोन में कार्य चल रहा है। अगर बरसात के दौरान हाईवे पर मलबा या बोल्डर आते हैं तो वाहनों की आवाजाही बाईपास से कराई जाएगी।  मंगलवार देर रात जिले के विभिन्न हिस्सों में हुई मूसलाधार बारिश से कई नदियों में उफान आने के साथ ही यमुनोत्री हाईवे भूस्खलन से जगह-जगह अवरुद्ध हो गया। बुधवार सुबह मौसम खुलते ही एनएच कर्मचारियों ने तत्काल कार्य आरंभ कर सुबह करीब 10 बजे तक खरादी, कुथनौर व पालीगाड़ से मलबा साफ कर दिया, लेकिन सालों से नासूर बने डबरकोट क्षेत्र में जमा भारी मलबे को हटाने में कर्मचारियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी। हाईवे बंद होने से यात्री वाहनों के साथ ही गेल द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्यों की जांच करने के लिए जा रही प्रशासन की टीम भी घंटों फंसी रही। यहां पूर्वाह्न 11.15 बजे यातायात बहाल हो पाया। गौरीकुंड हाईवे पर बांसवाड़ा में भूस्खलन जोन के सक्रिय होने से दिनभर रुक-रुककर पहाड़ी से मलबा व पत्थर गिरते रहे, जिससे यातायात प्रभावित होता रहा। मंगलवार रात हुई बारिश से रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग बांसवाड़ा में पहाड़ी से भारी मलबा गिरने से अवरुद्ध हो गया था। बुधवार सुबह 8 बजे एनएच व कार्यदायी संस्था द्वारा मलबा सफाई कर यातायात शुरूकिया गया, लेकिन पूर्वाह्न 11 बजे से पहाड़ी से रुक-रुककर मलबा व पत्थर गिरने शुरू हो गए थे। भले ही कार्यदायी संस्था द्वारा मशीनों से मलबा सफाई कर यातायात बहाल किया गया, लेकिन जिस तरह से पहाड़ी से मिट्टी व पत्थर दरक रहे हैं, मौके पर खतरा बना हुआ है। इसके अलावा भटवाड़ी सैंण, कुंड, सेमी-भैंसारी, नारायणकोटी, डोलिया मंदिर, चंडिका धार में हाईवे संवेदनशील बना हुआ है। ईई जितेेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि क्षेत्र में आए दिन हो रही बारिश से हाईवे के संवेदनशील जोन सक्रिय हो रहे हैं।  भारी बारिश के कारण आए मलबे से चीन सीमा को जोड़ने वाली लिपुलेख सड़क दो घंटे से अधिक समय तक बंद रही। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इधर बारिश के कारण सात से अधिक आंतरिक सड़कें भी बंद हुईं, जिसमें चार से अधिक सड़कों को खोल दिया गया है।  सीमांत पिथौरागढ़ जनपद में बेरीनाग में सर्वाधिक 10एमएम बारिश हुई। वहीं डीडीहाट में 5.0, धारचूला में 0.6 और मुनस्यारी में 2.0 एमएम बारिश रिकार्ड की गई। भारी बारिश के कारण थल- हरड़िया के पास सड़क कुछ देर बंद रही, जिसे लोनिवि ने समय रहते खोल दिया। बारिश के कारण नाचनी-बांसबगड़, कोटा सामा- तेजम, सोसा-सिर्खा, तवाघाट-सोबला, मदकोट- दारमा, पौड़ी घटकूना सड़क बंद हो गई, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। लगातार हो रही बारिश से पिथौरागढ़ नगर की आंतरिक सड़कों में जगह-जगह गड्ढे होने से जल भराव हो रहा है। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुकेश पंत ने नगर की आंतरिक सड़कों में बने गड्ढों को भरने की मांग की है। पिथौरागढ़ जिले के विभिन्न हिस्सों में हो रही बारिश के कारण नदियों का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। काली नदी खतरे के निशान से एक मीटर नीचे 888.05 मीटर पर बह रही है। इसका खतरे का निशान 890 मीटर है। गोरी नदी जौलजीबी खतरे के निशान से दो मीटर नीचे बह रही है। इसका जल स्तर 606.80 क्यूसेक नापा गया। सरयू नदी 445.50 और गोरी नदी मदकोट 1211.48 पर बह रही है।वहीं, कालाढूंगी-हल्द्वानी मार्ग भाखड़ा जंगल में मुख्य हाईवे में विशाल पेड़ गिर गया। एक कार पेड़ की चपेट में आ गई। उसमें सवार शिक्षक बाल-बाल बचे। आवाजाही बंद होने से दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई है। हल्द्वानी बरेली रोड, गौरा पड़ाव गौला गेट के पास उफनाई गौला के तेज बहाव में कई डंपर बह गए। मंगलवार देर रात हुई भारी बारिश से गौला नदी उफान पर है। इसके तेज बहाव में तीन डंपर बह गए। एसपी सिटी ने लोगों को नदी में नहीं जाने की सलाह दी है। इधर, चोरगलिया में शेर नाला भी उफान पर है। सुबह पानी में एक यात्री बहने से बचा। शेरनाला के दोनों किनारों पर फोर्स तैनात की गई है।
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