ब्यूरो चीफ:- हर्ष सिंघल (देहरादून)
उत्तराखंड में हवा को जहरीली बना रहे उद्योगों पर अब पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शिकंजा कस दिया है। बोर्ड ने इस तरह के उद्योगों को 31 मार्च 2022 तक वायु शोधक संयंत्र लगाने को कहा है। बुधवार को बोर्ड बैठक में यह फैसला लिया गया। बोर्ड के संज्ञान में आया कि प्रदेश में ऐसे भी कई उद्योग हैं जो इगनॉट बनाने का काम करते हैं, अभी तक करीब ऐसे 54 उद्योग चिह्नित किए गए हैं। इन उद्योगों को कहा गया है कि वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए जरूरी उपाय करें।
बोर्ड बैठक में इसके लिए समय सीमा तय कर दी गई। इस तरह के उद्योग कोटद्वार, भगवानपुर, काशीपुर, किच्छा में अधिक हैं। इगनॉट के उत्पादन में उच्च ताप पर लोहे को पिघलाया जाता है और इससे कई जहरीली गैस वातावरण में पहुंचती हैं।

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