उत्तराखंड से लगी चीन सीमा पर चेतक हेलीकॉप्टर से पहुंचे वायुसेना के अधिकारी, लिया व्यवस्थाओं का जायजा .

 ब्यूरो चीफ:- हर्ष सिंघल (देहरादून)



उत्तराखंड का चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डा भारतीय सेना का अस्थायी कैंप बना हुआ है। मंगलवार को वायुसेना के दो चेतक हेलीकॉप्टर हवाई अड्डे पहुंचे। इनमें आए वायुसेना के अधिकारियों ने व्यवस्थाओं का जायजा लिया।


उत्तरकाशी जिले की करीब सवा सौ किमी सीमा चीन के साथ लगती है। यहां बॉर्डर की अग्रिम चौकियों पर आईटीबीपी के हिमवीर और सेना के जवान मुस्तैदी के साथ निगरानी कर रहे हैं। सेना के जवान सीमा से सबसे नजदीकी एयर बेस चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे में तैनात हो गए हैं।आवश्यक सुविधाएं जुटाने को कहा

तहसीलदार पीएस चौहान ने बताया कि वायुसेना के अधिकारियों ने यहां रनवे की लंबाई एवं चौड़ाई का जायजा लेने के साथ ही एटीसी टावर, हैंगर, टर्मिनल भवन का भी निरीक्षण किया। उन्होंने भविष्य की जरूरतों को देखते हुए आवश्यक सुविधाएं जुटाने को कहा है।


चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डा कई महीनों से सेना की छावनी बना हुआ है। सेना की हर्षिल छावनी के निकट गंगोत्री हाईवे पर स्थित सिविल हेलीपैड को भी सेना ने छावनी में तब्दील कर दिया है।चीन सीमा का दौरा कर वापस लौटे आईटीबीपी के डीजी

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के महानिदेशक (डीजी) एसएस देशवाल चीन सीमा का दौरा करने के बाद लौट गए हैं। हेलीकाप्टर से नैनीसैनी पहुंचे डीजी ने 7वीं और 14वीं वाहिनियों के सेनानियों से मुलाकात की। 


चीन सीमा पर चल रही तनातनी के बीच आईटीबीपी के डीजी एसएस देशवाल शनिवार को मुनस्यारी आए थे। इसके बाद उन्होंने रविवार और सोमवार को चीन सीमा के मिलम, दुंग सहित अग्रिम चौकियों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सीमा पर सुरक्षा के इंतजामों का जायजा लिया।


जवानों से बातचीत की और उनकी समस्याओं को भी सुना। डीजी मंगलवार को मिलम से हेलीकाप्टर से नैनीसैनी हवाई पट्टी पहुंचे। यहीं पर आईटीबीपी के मिर्थी की सातवीं वाहिनी और जाजरदेवल की चौदहवीं वाहिनी के सेनानियों से बातचीत की। सीमा पर सुरक्षा व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी लेने के बाद हेलीकाप्टर से दिल्ली रवाना हो गए।    

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