9 मई, 2019. राजस्थान के अलवर से सटा एक गांव. जैसे-जैसे दिन चढ़ता है, धूप बेरहम होती जाती है. गांव में घर के सामने दरवाज़े पर सफ़ेद पगड़ी बांधे पुरुषों की भीड़ जमा है. कुछ गाड़ियां और पुलिसकर्मी भी दिखाई पड़ते हैं. एक छोटा बच्चा दौड़-दौड़कर सबको पानी पिला रहा है. बरामदे में 10-15 औरतें बैठी हैं, इनमें से कई घूंघट में हैं और घूंघट ओढ़े ही चिलम पी रही हैं. "नहीं, आप अंदर नहीं जा सकतीं... कोई अंदर नहीं जाएगा. हम थक गए हैं. नेता इस पर राजनीति करने में लगे हैं और मीडिया कुछ भी लिख रहा है... यहीं बैठिए प्लीज़, पानी देना इधर." एक युवक पत्रकारों की भीड़ काबू करने की कोशिश में गुस्सा नज़र आता है. ये 18 साल की उस लड़की का घर है जिसके पति के सामने उसके साथ कथित तौर पर पांच युवकों ने सामूहिक बलात्कार किया, उसका वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया. दलित परिवार की लड़की के साथ ये जघन्य अपराध 26 अप्रैल को हुआ था लेकिन इसके बाद एक हफ़्ते तक पुलिस और प्रशासन हरकत में नहीं आया.
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