मोदी आरती विवाद: भाजपा विधायक बोले, भगवान ने ताकत दी, तो घर के मंदिर में लगाएंगे मोदी की मूर्ति

उत्तराखंड में मोदी आरती का जाप करने पर कांग्रेस के निशाने पर आए भाजपा विधायक गणेश जोशी ने कहा कि भगवान ने यदि मुझे ताकत दी तो मैं अपने घर के मंदिर में पीएम नरेंद्र मोदी की मूर्ति भी लगाऊंगा। जिस तरह मैं भगवान की पूजा करता हूं वैसे ही उनकी पूजा करूंगा। उन्होंने कहा कि मेरे घर में 1999 से नरेंद्र मोदी की तस्वीर है, जिसकी मैं पूजा करता हूं। कांग्रेस की आलोचनाओं पर उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों के पास अब कुछ बचा नहीं है। मैंने उन्हें कुछ दिनों के लिए काम दे दिया है।
                          जोशी मोदी आरती को लेकर विवाद में हैं। उनकी विधानसभा मसूरी में एक कार्यक्रम के दौरान मोदी आरती का विमोचन हुआ। जिसमें उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ.धन सिंह रावत व जोशी ने अन्य मोदी भक्तों के साथ मोदी आरती का पाठ किया। इसे लेकर विपक्ष जोशी और उच्च शिक्षा राज्यमंत्री की आलोचना कर रहा है। भाजपा और भाजपा नेताओं पर आरोप है कि वे मोदी की तुलना भगवान हनुमान से करके लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इस पर विधायक जोशी का कहना है कि किसी व्यक्ति की पूजा या प्रशस्ति नितांत निजी मामला है। मुझे सोशल मीडिया पर ये पंक्तियां भेजी गई थी। मुझे पसंद आई। कुछ और पंक्तियां मेरे पास आई हैं। मैं उनका भी विमोचन करूंगा।उन्होंने कहा कि देश में ऐसे कई उदाहरण हैं जहां राजनेताओं की मूर्ति लगाने और उनका प्रशस्ति गान हुआ। मोदी तो देश के प्रधानमंत्री हैं। यदि कोई कार्यकर्ता उनकी प्रशंसा में कुछ पंक्तियां लिखता है तो इससे कांग्रेस के पेट में दर्द क्यों हो रहा है। उन्होंने कहा कि हनुमान जी से तुलना विरोधी कर रहे हैं। वरना जो रचना पढ़ी गई, उसमें सभी बातें सच हैं। कांग्रेस को मोदी फोबिया हो गया है।
                          प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी अजेंद्र अजय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशस्ति में एक महिला प्रशंसक की पंक्तियों को लेकर कांग्रेस तिल का ताड़ बना रही है। उन्होंने कहा कि यह न तो भाजपा संगठन और ना ही सरकार का कोई आधिकारिक दस्तावेज है।भाजपा ने स्पष्ट किया कि व्यक्ति पूजा और व्यक्ति विशेष की प्रशस्ति पार्टी की कार्य संस्कृति नहीं है। भाजपा विचार, नीति व सिद्धांतों पर आधारित पार्टी है। जबकि कांग्रेस में शाही परिवार की चाटुकारिता ही उसके नीति व सिद्धांत हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी आज विश्व के सर्वाधिक चर्चित और लोकप्रिय राजनेताओं में से एक हैं।
                    मोदी के व्यक्तित्व व उनकी कार्यशैली से देश-विदेश में बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हैं। सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों में भी देखने को मिलता है कि अनेकों लोग उनके प्रति असीम श्रद्धा और विश्वास रखते हुए अलग-अलग तरीके से उनके प्रति अपनी भावनाएं प्रकट करते हैं। किसी प्रशंसक की भावनाओं को प्रकट करने से नहीं रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को भाजपा पर आरोप लगाने से पहले अपना इतिहास खंगालना चाहिए। कांग्रेस में गांधी-नेहरू खानदान की चाटुकारिता के अलावा कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में शाही परिवार की चाटुकारिता में नेता किस हद तक गुजर जाते हैं, इसका प्रमाण कुछ समय पूर्व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद के वक्तव्य से मिलता है।
                    खुर्शीद ने सोनिया गांधी को ‘देश की मां’ तक कह दिया था। आंध्र प्रदेश में कांग्रेस के एक पूर्व मंत्री ने गांधी का मंदिर बना दिया था। ऐसे तमाम उदाहरणों से कांग्रेस का इतिहास भरा पड़ा है।मोदी आरती से पार्टी का कोई लेना देना नहीं : बंशीधर भगत विपक्ष और सोशल मीडिया पर मोदी आरती को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही प्रदेश भाजपा अब इस मामले में रिपोर्ट तलब करेगी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि मामला संज्ञान में लाया गया है, लिहाजा यह पूछा जाएगा कि आखिर ऐसा क्यों हुआ? उन्होंने कहा कि इस मामले का भाजपा से कोई लेना देना नहीं है। मामला पूरी तरह से व्यक्तिगत है।
                     विपक्ष का इस मामले को बेवजह तूल देना और भाजपा संगठन को इससे जोड़ना अनुचित है। भगत ने कहा कि जहां तक पीएम मोदी की प्रशंसा का सवाल है, तो पूरी दुनिया उनकी मुरीद है। उनका राजनीतिक कौशल, नेतृत्व क्षमता और जनता के बीच विषयों को रखने की उनकी काबलियत का पूरा देश और दुनिया लोहा मानती है। कांग्रेस और विपक्ष को यही बात कांटे की तरह चुभती है। उन्होंने कांग्रेस के विरोध और धरना की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सिर्फ विरोध करना जानते हैं। सड़कों पर प्रवासियों की मदद करने के लिए उनके पास समय नहीं है।वे कोरोना काल के इस संवेदनशील समय में अराजकता की स्थिति पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। मोदी आरती को लेकर उठे विवाद पर भगत ने कहा कि वे सोमवार को देहरादून आ रहे हैं। कोर कमेटी के सदस्यों से वार्ता होनी है। इस दौरान वे इस मसले पर भी रिपोर्ट लेंगे। पता लगाएंगे कि आखिर ऐसा क्यों हुआ?
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