प्रेरणा दायनी प्रेरक प्रस॔ग--राम मनोहर लोहिया अद्भुत प्रतिभा के धनी थे---लेखक---अखिलेश चन्द्र चमोला ।

अभिव्यक्तिन्यूज़ : उत्तराखंड
प्रेरणा दायनी प्रेरक प्रस॔ग--राम मनोहर लोहिया अद्भुत प्रतिभा के धनी थे---लेखक---अखिलेश चन्द्र चमोला ।कला निष्णात--'दर्शन शास्त्र-स्वर्णपदक प्राप्त ।राज्यपाल पुरस्कार तथा अनेकों राष्ट्रीय सम्मानोपाधियो से सम्मानित ।हिन्दी अध्यापक तथा नशा उन्मूलन प्रभारी शिक्षा विभाग जनपद पौडी गढवाल ।राम मनोहर लोहिया का प्रमुख समाजवादी चिंतकों में अग्रणी स्थान है ।वचपन से ही अद्भुत प्रतिभा के धनी थे ।किसी भी विषय का एक बार अध्ययन करने के बाद उसे अच्छी तरह से याद कर लेते थे।उनकी इस तरह की अद्भुत प्रतिभा को देखकर गुरूजन बहुत प्रभावित थे।एक वार उनके गुरु जी ने उनकी परीक्षा ली।किसी विषय पर उनके साथ चर्चा की ।उन्होंने ठोस तर्कों के माध्यम से प्रमाणिकता के साथ अपने तर्क प्रस्तुत  किये ।आगे चलकर पी0एच0डी0की उपाधि जर्मनी से ली।जब वे पी एच डी की उपाधि लेकर भारत  लौट रहे थे,तो उनके साथ एक घटना घटी।उनके पास पुस्तकों का अत्यधिक संग्रह था।अपने वस्त्रों की ओर ये ध्यान कम देते थे।सादा जीवन उच्च विचार में इनकी आस्था थी।नाजी सरकार के आदेश पर इनकी सारी पुस्तकें जब्त कर दी गईं ।उन्हें मद्रास के बन्दरगाह पर खाली हाथ उतरना पडा ।जेब में एक रूपया भी नहीं था।वे सोचने लगे कि अब क्या होगा?अपने लिए किराया कहाँ से तैयार करना  पडेगा?उनके मन में एक विचार आया ।वे सीधे किसी अखबार के कार्यालय में पहुॅचे।अपना परिचय दिया ।मैं जर्मनी से आ रहा हूँ ।कुछ सम सामयिक विषयों पर आपको आलेख देना चाहता हूँ ।सम्पादक ने कहा---आपके पास आलेख कहाँ हैं?उनका मैं भी अध्ययन करूँ ।छपने के योग्य हैं या नहीं ।राम मनोहर लोहिया जी ने कहा---आप मुझे पेन और कागज दे दीजिएगा ।संपादक ने पेन और कागज लोहिया को दी,लेकिन संपादक को लोहिया का इस तरह का आचरण अजीब सा लग रहा था ।बिना किसी सहायक पुस्तक के कोई सम सामयिक आलेख लिखा जा सकता है ।                                     थोड़ी देर में लोहिया ने दो आलेख लिखकर संपादक को दे दिए ।सम्पादक को पहले विश्वास ही नहीं हुआ,लेकिन जब लेखों का अध्ययन किया तो हतप्रभ रह गये।संपादक ने कहा कि आपके लेख तो उत्कृष्ट श्रेणी के लेख हैं ।इस तरह के आलेखों का पारिश्रमिक संभवतः हमारी हैसियत से बाहर है,लेकिन फिर भी आप इनका पारिश्रमिक क्या लेंगे?लोहिया ने बडे ही सहजता के साथ कहा---मुझे कलकत्ता तक जाने का किराया दे दीजिएगा ।संपादक ने कहा--इतनी कम राशि?लोहिया ने संपादक को आपबीती बताई।संपादक ने भावुक होते हुये कहा--आपकी प्रतिभा अतुलनीय है ।भविष्य में भी आप हमारा मार्गदर्शन करते रहें ।
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