अभिव्यक्ति न्यूज़ : उत्तराखंड
स्वर्ण पदक प्राप्त ।राज्यपाल पुरस्कार तथा अनेकों राष्ट्रीय सम्मानोपाधियो से सम्मानित ।हिन्दी अध्यापक तथा नशा उन्मूलन प्रभारी शिक्षा विभाग जनपद पौडी गढवाल ।युवा शक्ति ही समाज की सबसे महत्वपूर्ण आधार शिला है।युवा वर्ग में इस तरह की शक्ति निहित रहती है कि,वह देश और समाज को नई दिशा की ओर इंगित कर सकता है,'जितनी भी आदर्श नैतिक मान्यतांये हैं,युवा वर्ग में असीम शक्ति निहित रहती है ।असीम ताकत होने के कारण आगे बढने की ललक भी अत्यधिक रहती है ।इस कारण नित् नये स्वपनिल संसार में विचरण करता रहता है ।देश को पराधीनता की जंजीरों से मुक्त कराने में युवाओं की ही महत्वपूर्ण भूमिका रही है ।जिसका इतिहास गवाह हैं । इसी आधार पर कवियों ने अपनी लेखनी से युवाओं के मनोबल में इस प्रकार से बृद्धि की है --यह देखो इतिहास के शुभ्र पृष्ठ पर, किस लोहू से लिखी अमर गाथायें सारी? किस रक्त ने स्वतन्त्रता को अर्घ्य दिया है। और किस पीढ़ी ने सींची है राष्ट्र फुलवारी?इन सभी प्रश्नों का एक ही उत्तर मिलता है---''युवा शक्ति 'हर चुनौती का उत्तर युवा वर्ग ने इस रूप में दिया-----------------------------सर फरोसी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है।। हमारे भारतवर्ष उन्नति के शिखर पर अग्रसर है।यहां अधिकांश जनसंख्या युवाओं की है।देश की लगभग 75प्रतिशत जनसंख्या की आयु 35वर्ष से कम है।ज्यादातर युवा अपने अध्ययन करने के बाद उनके शिक्षा के अनुरूप उन्हें रोजगार के सुअबसर प्राप्त नही होते।जिसके कारण कुंठा के शिकार युवा अपनी असीम शक्ति का क्षय करके अपने अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह लगा देते हैं ।जिसके कारण धैर्य आत्मसंयम,सहनशीलता,कठोर परिश्रम आदि महत्वपूर्ण गुण समाप्त होने लगते हैं ।इस कारण युवा तत्काल ही हर वस्तु की प्राप्ति करना चाहता है । हम सबका समग्र प्रयास होना चाहिए कि हम युवाओं को उनकी शक्ति का बोध कराने में भरपूर सहयोग प्रदान करें ।उन्हें स्वामी विवेकानंद द्वारा उदघोष--''उठो जागो और तब तक मत रूको' जब तक अपने लक्ष्य तक न पहुंच जाओ।''वाली उक्ति से अभिप्रेरित करें । उनके मनोबल को कम होने न दें। सरकार जन समाज के जन प्रतिनिधियों को भी यह सोचना चाहिए कि समय समय पर युवा वर्ग से संवाद स्थापित करें ।उनकी शिक्षा के अनुरूप उन्हें रोजगार प्रदान करने का प्रयास करें ।युवा दिवस मनाने के साथसाथ समय समय पर देश के महापुरुषों से सम्बंधित प्रदर्शनी को लगाते हुए उन्हें राष्ट्र निर्माण के कार्यों में लगाने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए । बोया पेड़ बबूल का आम कहाँ से खाए ।अर्थात जैसा बोओगे ,वैसा काटोगे।युवा पीढ़ी में हम जैसे संस्कार रोपित करेंगे,वैसे ही फसल हमें भी मिलेगी।युवाओं की शिक्षा की समुचित व्यवस्था करना,सकारात्मक दृष्टिकोण से उनकी निगरानी करना ,ल्क्ष्यके प्रति सचेत करना,उनका सही मार्ग दर्शन करना हम सबका परम दायित्व होना चाहिए । आज युवा वर्ग सही दिशा की ओर नहीं जा रहा है ।गलत प्रवृत्तियों का 'शिकार हो रहा है ।इन कारणों का पता लगा करके उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए हम सबको निरन्तर प्रयास रत रहना चाहिए ।एक आदर्श राष्ट्र का निर्माण इनके सुरक्षित भविष्य में ही संभव है ।
स्वर्ण पदक प्राप्त ।राज्यपाल पुरस्कार तथा अनेकों राष्ट्रीय सम्मानोपाधियो से सम्मानित ।हिन्दी अध्यापक तथा नशा उन्मूलन प्रभारी शिक्षा विभाग जनपद पौडी गढवाल ।युवा शक्ति ही समाज की सबसे महत्वपूर्ण आधार शिला है।युवा वर्ग में इस तरह की शक्ति निहित रहती है कि,वह देश और समाज को नई दिशा की ओर इंगित कर सकता है,'जितनी भी आदर्श नैतिक मान्यतांये हैं,युवा वर्ग में असीम शक्ति निहित रहती है ।असीम ताकत होने के कारण आगे बढने की ललक भी अत्यधिक रहती है ।इस कारण नित् नये स्वपनिल संसार में विचरण करता रहता है ।देश को पराधीनता की जंजीरों से मुक्त कराने में युवाओं की ही महत्वपूर्ण भूमिका रही है ।जिसका इतिहास गवाह हैं । इसी आधार पर कवियों ने अपनी लेखनी से युवाओं के मनोबल में इस प्रकार से बृद्धि की है --यह देखो इतिहास के शुभ्र पृष्ठ पर, किस लोहू से लिखी अमर गाथायें सारी? किस रक्त ने स्वतन्त्रता को अर्घ्य दिया है। और किस पीढ़ी ने सींची है राष्ट्र फुलवारी?इन सभी प्रश्नों का एक ही उत्तर मिलता है---''युवा शक्ति 'हर चुनौती का उत्तर युवा वर्ग ने इस रूप में दिया-----------------------------सर फरोसी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है।। हमारे भारतवर्ष उन्नति के शिखर पर अग्रसर है।यहां अधिकांश जनसंख्या युवाओं की है।देश की लगभग 75प्रतिशत जनसंख्या की आयु 35वर्ष से कम है।ज्यादातर युवा अपने अध्ययन करने के बाद उनके शिक्षा के अनुरूप उन्हें रोजगार के सुअबसर प्राप्त नही होते।जिसके कारण कुंठा के शिकार युवा अपनी असीम शक्ति का क्षय करके अपने अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह लगा देते हैं ।जिसके कारण धैर्य आत्मसंयम,सहनशीलता,कठोर परिश्रम आदि महत्वपूर्ण गुण समाप्त होने लगते हैं ।इस कारण युवा तत्काल ही हर वस्तु की प्राप्ति करना चाहता है । हम सबका समग्र प्रयास होना चाहिए कि हम युवाओं को उनकी शक्ति का बोध कराने में भरपूर सहयोग प्रदान करें ।उन्हें स्वामी विवेकानंद द्वारा उदघोष--''उठो जागो और तब तक मत रूको' जब तक अपने लक्ष्य तक न पहुंच जाओ।''वाली उक्ति से अभिप्रेरित करें । उनके मनोबल को कम होने न दें। सरकार जन समाज के जन प्रतिनिधियों को भी यह सोचना चाहिए कि समय समय पर युवा वर्ग से संवाद स्थापित करें ।उनकी शिक्षा के अनुरूप उन्हें रोजगार प्रदान करने का प्रयास करें ।युवा दिवस मनाने के साथसाथ समय समय पर देश के महापुरुषों से सम्बंधित प्रदर्शनी को लगाते हुए उन्हें राष्ट्र निर्माण के कार्यों में लगाने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए । बोया पेड़ बबूल का आम कहाँ से खाए ।अर्थात जैसा बोओगे ,वैसा काटोगे।युवा पीढ़ी में हम जैसे संस्कार रोपित करेंगे,वैसे ही फसल हमें भी मिलेगी।युवाओं की शिक्षा की समुचित व्यवस्था करना,सकारात्मक दृष्टिकोण से उनकी निगरानी करना ,ल्क्ष्यके प्रति सचेत करना,उनका सही मार्ग दर्शन करना हम सबका परम दायित्व होना चाहिए । आज युवा वर्ग सही दिशा की ओर नहीं जा रहा है ।गलत प्रवृत्तियों का 'शिकार हो रहा है ।इन कारणों का पता लगा करके उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए हम सबको निरन्तर प्रयास रत रहना चाहिए ।एक आदर्श राष्ट्र का निर्माण इनके सुरक्षित भविष्य में ही संभव है ।

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