जिला ब्यूरो चीफ पुष्पेंद्र सिंह
सभी ने फूल माला चढ़ाकर उनके जीवन पर प्रकाश डाला ।दीपू त्रिपाठी ने कहा देश की राजनीति में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान और स्वतंत्रता के बाद ऐसे कई नेता हुए जिन्होंने अपने दम पर शासन का रुख बदल दिया जिनमें से एक थे राममनोहर लोहिया। अगर जयप्रकाश नारायण ने देश की राजनीति को स्वतंत्रता के बाद बदला तो वहीं राममनोहर लोहिया ने देश की राजनीति में भावी बदलाव की बयार आजादी से पहले ही ला दी थी। अपनी प्रखर देशभक्ति और तेजस्वी समाजवादी विचारों के कारण वह अपने समर्थकों के साथ ही अपने विरोधियों के मध्य भी अपार सम्मान हासिल किया। राममनोहर लोहिया का जन्म 23 मार्च 1910 को फैजाबाद में हुआ था। उनके पिताजी हीरालाल पेशे से अध्यापक व हृदय से सच्चे राष्ट्रभक्त थे। उनके पिताजी गांधीजी के अनुयायी थे। जब वे गांधीजी से मिलने जाते तो राम मनोहर को भी अपने साथ ले जाया करते थे।जिसमे मुख्य रूप से उमेश दीक्षित, बलवान गुर्जर, बेटू गुर्जर, सलीम मंसूरी, शानू पाठक, रामेंद्र त्रिपाठी, विक्रांत सोनी, अर्चित पांडे, अभिषेक याज्ञिक, दादू पटेल, सत्यम (हनी), शिवम कुशवाहा, रूद्रांश मिश्रा,
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