सूर्य ग्रहण से क्या होगा बदलाव

अभिव्यक्ति न्यूज़ : उत्तराखंड 
खांडग्रास सूर्य ग्रहण आगामी 21 जून, सुबह 10:20 बजे से दोपहर 1:58 बजे तक पूरे भारत में देखा जाएगा। भारत में  इसकी अवधि तीन घंटे 38 मिनट रहेगी। यह ग्रहण कंकण के आकार का दिखाई देगा।  उत्तराखंड, पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान में यह ग्रहण का प्ररमग्रास लगभग 99.4 प्रतिशत रहेगा।  उत्तर भारत में कंकणकृति सूर्य ग्रहण का ग्रसमान अधिक रहेगा ।  जबकि मध्य  भारत और दक्षिण भारत में, इसके कंकणकृत का आकार कम होगा।  ग्रहण का मध्य भाग के दिन लगभग 12:05 बजे रहेगा उस समय चन्द्रमा बिम्ब का  केंद्र सूर्य  के बिम्ब के केन्द्र पर होगा।जिस कारण सूर्य का बिम्ब अंगुठी के आकार का देखई देगा। जो 38 से 42 सेकंड तक रहेगी ।सूर्य ग्रहण यदि रविवार के दिन हो उसे  चूड़ामणि सूर्य ग्रहण कहा जाता है।  इस ग्रहण का सूतक 20  जून 2020 की रात में लगभग 9:15 बजे से शुरू होगा। इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव रविवार को पड़ रहा है।  चूड़ामणि सूर्य ग्रहण में, स्नान दान, घर का जप आदि अन्य सामान्य सूर्य ग्रहण की तुलना में  कोटि गुना अधिक फल होता हैं।  यह ग्रहण मिथुन और मृगशिरा नक्षत्र में शुरू होकर  औ आर्द्र नक्षत्र में पूर्ण होगा।  यह ग्रहण विशेष रूप  मिथुन राशि वाले लोगों के लिए परेशानी भरा होगा।  इसका परिणाम मेष राशि वालों के लिए सामान्य रहेगा।  वृषभ राशि मिथुन राशि वालों को धन लाभ हानि होगी।  ई घात राशि में कर्क, सिंह राशि में लाभकारी, कन्या राशि के जातकों के लिए सुख, तुला राशि के जातकों के लिए अपमान, वृश्चिक राशि वालों के लिए महान क्लेश, धनु राशि के जातकों के परिवार में शोक, मकर राशि में सुख, धन, कुंभ राशि के लिए चिंता रहेगी।  मीन राशि के जातकों के लिए कष्टकरी रहेगा। । ज्योतिषाचार्य

नितेश बोडाई के अनुसार स्ववतंत्र भारत की कर्क राशि के कारण, ,भारत के लिए यह सूर्य ग्रहण कष्टकारी होगा ।उन्होंने बताया कि उत्तर भारतके क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं की प्रबल संभावना रहेगी।  इससे धन और संपत्ति के नुकसान की प्रबल संभावना है।  उत्तराखंड की बात करें तो उत्तराखंड का मीन राशि  बनती है।  मीन राशि के कारण उत्तराखंड और विशेष रूप से यमुनोत्री , विशेषकर उत्तरकाशी टिहरी और देहरादून जिलों में जल प्रलय देखने को मिल सकती है। जिस से भारी आर्थिक नुकसान की प्रबल संभावना है।
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