ब्यूरो चीफ:- हर्ष सिंघल (देहरादून)
भीमगोड़ा बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पहले चरण में हरकी पैड़ी समेत चार जगहों से गंगाजल के नमूने लिए हैं। नमूनों की जांच रिपोर्ट अगले सप्ताह तक आएगी। इससे पता चलेगा कि गंगा का जल कितना शुद्ध है। नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिएकरोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) भी समय-समय पर गंगा की शुद्धता के लिए सख्ती बरतता रहा है। इसके बाद भी गंगा में श्रद्धालु पुराने कपड़े, प्लास्टिक, पूजन सामग्री डालते हैं। इतना ही नहीं चोरी छिपे कूड़ा और गंदगी गंगा में डाली जाती है।
हरिद्वार की कुछ बस्तियों की गंदगी गंगा में जा रही है। जनवरी से महाकुंभ है। लाखों श्रद्धालु डुबकी लगाने पहुंचेंगे। संत समाज मां गंगा की सफाई को लेकर कई बार आवाज भी उठा चुका है। अब भीमगोड़ा बैराज से पानी छोड़ा जा चुका है। गंगा की सफाई करना अब संभव नहीं है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हरकी पैड़ी, बिशनपुर कुंडी, बालाकुमारी मंदिर जगजीतपुर और रुड़की में गंगनहर से पानी के सैंपल लिए हैं। सैंपलों को जांच के लिए लैब भेजा गया है। इसमें कोलीफार्म बैक्टीरिया, फीकल कोलीफार्म और ऑक्सीजन की मात्रा समेत कई पैरामीटर पर जांच की जाएगी।
गंगाजल की शुद्धता नापने के लिए हरकी पैड़ी समेत चार स्थानों से पानी के सैंपल लिए हैं। सैंपल रिपोर्ट अगले सप्ताह तक मिल जाएगी। सैंपलिंग के कई पैरामीटर हैं। जांच रिपोर्ट से गंगा के प्रदूषण का स्तर का पता चल सकेगा।
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