अभिव्यक्ति न्यूज़ : उत्तराखंड
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच परिसंपत्तियों को लेकर अब कोई विवाद नहीं है। कुछेक मसले यदि रह भी गए होंगे तो दोनों सरकारें बैठकर उनका समाधान निकाल लेंगी।योगी रविवार को केदारनाथ धाम पहुंचे थे। सोमवार को लगातार बर्फबारी के कारण वह बदरीनाथ धाम नहीं जा सके। इस दौरान उन्होंने मीडियाकर्मियों से बातचीत की। दोनों राज्यों के बीच परिसंपत्ति विवाद के मसले पर योगी ने कहा कि तकरीब सभी मुख्य विवादों को हम सुलझा चुके हैं।हरिद्वार में अलकनंदा अतिथि गृह का मामला न्यायालय में चल रहा था। दोनों सरकारों के बीच सहमति बनी और हमने तय किया कि अतिथि गृह उत्तराखंड सरकार को देंगे। उसके पास स्थित भूमि पर उत्तर प्रदेश का नया अतिथि गृह बनाया जा रहा है। दिसंबर तक यह अतिथि गृह बनकर तैयार हो जाएगा। कुंभ से पहले इसका शुभारंभ कर दिया जाएगा।उन्होंने कहा कि बदरीनाथ धाम में भी उत्तर प्रदेश सरकार का अतिथि गृह बनाया जा रहा है। मौसम अनुकूल होगा तो वह बदरीनाथ धाम जाकर अतिथि गृह का शिलान्यास करेंगे। केदारनाथ धाम में हो रहे पुनर्निर्माण कार्यों को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के कुशल मार्गदर्शन में उत्तराखंड सरकार यहां बहुत बेहतर कार्य कर रही है।
उत्तराखंड सरकार रोडवेज की परिसंपत्तियों के बंटवारे का हल चाहती है। पिछले दो दशक से यह विवाद चल रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आश्वासन पर अब इस विवाद के हल होने की उम्मीद जगी है।जिन चार परिसंपत्तियों को लेकर अभी तक विवाद नहीं सुलझा है, उनमें कानपुर स्थित परिवहन निगम की कार्यशाला और एलेन फारेस्ट कार्यशाला, लखनऊ स्थित टिहरी कोठी परिवहन निगम मुख्यालय के साथ ही अजमेरी गेट नई दिल्ली स्थित परिसंपत्तियां हैं।राज्य गठन के समय यह सहमति बनी थी कि उत्तर प्रदेश परिवहन निगम उत्तराखंड को 13.24 फीसदी हिस्सा देगा। जिनकी मौजूदा बाजार दर करीब 800 करोड़ रुपये है। उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने इसे लेकर हाईकोर्ट में वाद दाखिल कर दिया था। तब से यह विवाद जारी है। उत्तराखंड सरकार रोडवेज की इन परिसंपत्तियों का हल चाहती है।
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